मुंबईकरो पर पड़ेगा प्रॉपर्टी टैक्स का अतिरिक्त बोझ
संवाददाता
मुंबई । उच्च न्यायालय के दिए आदेश के बाद मनपा ने कार्पेट क्षेत्र के अनुसार मुंबईकरों से प्रॉपर्टी कर वसूलने का निर्णय लिया है । जिसके अनुसार अब रेडिरेकनर का शुल्क और उसपर १.२ प्रतिशत के आधार पर गणना कर टैक्स वसूल किया जाएगा जिससे अब मुंबईकरों पर अधिक टैक्स भरने का बोझा पड़ेगा । जिसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए स्थायी समिति की बैठक में पेश किया जाएगा ।
गौरतलब है कि मनपा ने पुराने कर प्रणाली की जगह १ अप्रैल २०१० से बजारभाव् के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स प्रणाली की शुरुआत की थी । जिसके तहत जमीन व इमारत का केपिटल निश्चित करने साथ ही इस प्रणाली को कार्यान्वित करने के लिए मनपा द्वारा कुछ नियम बनाये गए थे । बावजूद इसके मनपा द्वारा वसूला जानेवाला सुधारित प्रॉपर्टी टैक्स बिल्टअप के आधार पर वसूले जाने से कई लोगों ने कोर्ट का सहारा लिया । जिसके संदर्भ में ४० से भी ज्यादा याचिका पर कोर्ट में सुनवाई शुरू थी । इसमें इमारत के बिल्टअप क्षेत्र पर बाजरभाव निश्चित करने का नियम मनपा के अधिनियम १५४ (१अ)के नियम से विसंगत होने से नियमों में सुधार करने का विचार करने का निर्देश न्यायलय ने मनपा को दिया था । जिसके बाद मनपा ने इस कर प्रणाली के नियमों में सुधार कर बिल्टअप की जगह कार्पेट क्षेत्रफल के अनुसार कर वसूल करने का निर्णय मनपा प्रशासन ने लिया है । यह सुधारित प्रस्ताव सितंबर महीने में स्थायी समिति में पेश किया गया था । किन्तु आचारसंहिता होने से प्रशासन ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था । उस दौरान मनपा विरोधी पक्ष ने इसमें मुंबईकरों को लाभ देने की मांग की थी । ऐसा करने से मनपा को २२ प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ेगा याने लगभग २९७.१३ करोड़ का नुकसान होगा । ऐसा जवाब प्रशासन द्वारा दिया गया था । सुधारित प्रस्ताव के अनुसार घर व इमारत के कार्पेट क्षेत्र के आधार पर रेडिरेकनर का शुल्क और उसपर १.२ प्रतिशत के आधार पर गणना कर टैक्स वसूल किया जाएगा । बता दें कि मुंबईकरों पर पहले ही पार्किंग व बेस्ट किराया महंगा होने का बोझा डाला गया है इसके बाद अब प्रॉपर्टी टैक्स में भी बढ़ोत्तरी किये जाने का निर्णय मनपा प्रशासन ने लिया है जिसका प्रस्ताव स्थायी समिति की बैठक में पेश किया जाएगा ।
No comments:
Post a Comment