गिरगाव चौपाटी मेक इन इंडिया की आग का मलबा सफाई का ८ लाख सीआईआई ने अदा किया
मुंबई / 'मेक इन इंडिया' इस बैनर के तले गिरगाव चौपाटी में आयोजित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग मुंबई मनपा को महंगी पड़ी थी और आग का मलबा साफ़ करने में मनपा को ८ लाख का खर्च आया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मामले को एक्सपोज करते ही आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने समय न गंवाते हुए ४ मार्च २०१६ को पूरी बकाया रकम अदा कर दी। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई के बाद सीआईआई का भांडाफोड़ हुआ। १५ फरवरी २०१५ को मनपा ने १० जेसीबी, ३९ डंपर की ६७ ट्रिप्स, २ कोम्पक्टोर्स, १९८ मजदूर और ८० सुपरवाइजरी स्टाफ २ शिफ्ट में डेब्रिज निकालने में कार्यरत थी। चौपाटी की साफसफाई की जिम्मेदारी आयोजक की होने से मनपा ने किया हुआ खर्च देने के लिए वे बाध्य हैं। मनपा ने २२ फरवरी २०१६ को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के रीजनल डायरेक्टर कौशलेन्द्र सिन्हा को भेजे हुए पत्र में ७ दिन की डेटलाइन दी थी। लेकिन सीआईआई रकम अदा करने की मानसिकता में नहीं था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई और लिखित शिकायत के बाद सीआईआई ने ८ लाख की रकम अदा कर दी और विवाद को खत्म कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फरवरी २०१६ में मनपा से गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग के बाद मनपा ने की हुई सफाई काम की जानकारी मांगी थी। डी मनपा विभाग के घन कचरा डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता ने अनिल गलगली को बताया कि गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में १४ फरवरी २०१६ को लगी आग के बाद मनपा ने साफसफाई काम करते हुए ३१५ मेट्रिक टन इतना डेब्रिज/मलबा उठाते हुए परिसर को साफ़ किया जिसके लिए कुल खर्च की रकम करीब ८ लाख ६ हजार ९५२ रुपए इतनी हैं। यह सफाई का काम डी विभाग के अलावा अन्य विभाग की यंत्र सामग्री, वाहन, मजदूर और अशासकीय संस्था के मजदूरों के जरिए किया गया। इस काम के लिए मनपा को आया अतिरिक्त खर्च इस कार्यक्रम के आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री को मनपा को अदा करने के लिए पत्र लिखा गया था
मुंबई / 'मेक इन इंडिया' इस बैनर के तले गिरगाव चौपाटी में आयोजित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग मुंबई मनपा को महंगी पड़ी थी और आग का मलबा साफ़ करने में मनपा को ८ लाख का खर्च आया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मामले को एक्सपोज करते ही आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने समय न गंवाते हुए ४ मार्च २०१६ को पूरी बकाया रकम अदा कर दी। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई के बाद सीआईआई का भांडाफोड़ हुआ। १५ फरवरी २०१५ को मनपा ने १० जेसीबी, ३९ डंपर की ६७ ट्रिप्स, २ कोम्पक्टोर्स, १९८ मजदूर और ८० सुपरवाइजरी स्टाफ २ शिफ्ट में डेब्रिज निकालने में कार्यरत थी। चौपाटी की साफसफाई की जिम्मेदारी आयोजक की होने से मनपा ने किया हुआ खर्च देने के लिए वे बाध्य हैं। मनपा ने २२ फरवरी २०१६ को कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के रीजनल डायरेक्टर कौशलेन्द्र सिन्हा को भेजे हुए पत्र में ७ दिन की डेटलाइन दी थी। लेकिन सीआईआई रकम अदा करने की मानसिकता में नहीं था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की आरटीआई और लिखित शिकायत के बाद सीआईआई ने ८ लाख की रकम अदा कर दी और विवाद को खत्म कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने फरवरी २०१६ में मनपा से गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में लगी आग के बाद मनपा ने की हुई सफाई काम की जानकारी मांगी थी। डी मनपा विभाग के घन कचरा डिपार्टमेंट के सहायक अभियंता ने अनिल गलगली को बताया कि गिरगाव चौपाटी स्थित महाराष्ट्र रजनी कार्यक्रम में १४ फरवरी २०१६ को लगी आग के बाद मनपा ने साफसफाई काम करते हुए ३१५ मेट्रिक टन इतना डेब्रिज/मलबा उठाते हुए परिसर को साफ़ किया जिसके लिए कुल खर्च की रकम करीब ८ लाख ६ हजार ९५२ रुपए इतनी हैं। यह सफाई का काम डी विभाग के अलावा अन्य विभाग की यंत्र सामग्री, वाहन, मजदूर और अशासकीय संस्था के मजदूरों के जरिए किया गया। इस काम के लिए मनपा को आया अतिरिक्त खर्च इस कार्यक्रम के आयोजक रीजनल डायरेक्टर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री को मनपा को अदा करने के लिए पत्र लिखा गया था
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