टेंडर निकाले ही बिना एमएमआरडीए ने जारी किया १८.९० करोड़ का ध्वनिरोधक काम
ठेकेदार जे कुमार को सीएम का अभय
मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई- राज्य सरकार इनदिनों पारदर्शकता को वरीयता देकर अच्छे दिन लाने के प्रयास में है वहीँ दुसरी ओर पब्लिक टैक्स से जमा पैसे की बर्बादी करते हुए टेंडर निकाले ही बिना एमएमआरडीए द्वारा १८.९० करोड़ का ध्वनिरोधक का काम जारी करने की चौकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त हुई है। विशेष यानी जे कुमार नामक ठेकेदार को सीएम का अभय होने से शिकायत करने के बाद भी कारवाई करने की हिम्मत एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान नही दिखा रहे है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से विभिन्न ध्वनिरोधक काम की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने सरकारी नियम और टेंडर प्रक्रिया को नजरअंदाज कर अतिरिक्त काम के नाम पर सड़क ठेकेदार जे कुमार को सीधे १८.९० करोड़ का काम दिया है। जिसे सेंट्रल रोड रिसर्च एजेंसी (सीआरआरआय) ने काम देने की सिफारस की थी।फ्लाईओवर काम पूर्ण होने के २ वर्ष के बाद एमएमआरडीए ने सेंट्रल रोड रिसर्च एजेंसी (सीआरआरआय) को ध्वनि की क्षमता और उपाय सुझाने का काम दिया है। इसके पहले बांद्रा-कुर्ला संकुल मार्ग ( ८.६८ करोड़ ), जेवीएलआर स्थित आयआयटी कैंपस ( ४.११ करोड़ ), पूर्व ईस्टर्न प्रâी वे स्थित आणिक-पांजरापोल लिंक रोड ( ७६.५० लाख ) और सांताक्रूझ चेंबूर लिंक मार्ग (५.१४ करोड़ ) इन कामों के लिए एमएमआरडीए ने टेंडर जारी किया था।
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मार्ग स्थित सायन हॉस्पिटल, किंग्स सर्कल-तुलपुले चौक आणि हिंदमाता उड्डाणपुल इन विभिन्न फ्लाईओवर पर ध्वनिरोधक का काम देते वक्त टेंडर निकाले बिना एमएमआरडीए प्रशासन ने जे कुमार इस ठेकेदार पर मेहरबानी दिखाते हुए १८.९० करोड़ का काम बहाल करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। इसके पहले भी जे कुमार ठेकेदार को दहिसर रेलवे ओवर ब्रिज पर रुपये ५.७४ करोड़ का टेंडर निकाले बिना 'अतिरिक्त काम' के नाम पर जारी करने काम एमएमआरडीए ने जारी किया था।
बाजार में यहीँ काम न्यूनतम रुपए ९५०० प्रति वर्ग मीटर से होते हुए भी एमएमआरडीए प्रशासन ने रुपए १२५०० प्रति वर्ग मीटर का महंगा विकल्प का चयन किया जिसके चलते एमएमआरडीए को ४ से ५ करोड़ का घाटा हुआ है। इसको लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए अनिल गलगली ने सीएम देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को लिखित पत्र भेजकर ताबडतोब योग्य कारवाई करने की मांग की है और टेंडर निकालकर सनदशीर मार्ग से ध्वनिरोधक काम जारी करने पर जोर दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत के बाद भी एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान कारवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है क्योंकि रविवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ जे कुमार कंपनी के मालिक तथा पिता पुत्र जगदीश गुप्ता और कमल गुप्ता के साथ हुई गुफ्तगी जिम्मेदार माने जाने की चर्चा एमएमआरडीए मुख्यालय में थी।
( फोटो कैप्शन - लेफ्ट टू राईट श्री जगदीश गुप्ता, सीएम देवेंद्र फडणवीस, कमल गुप्ता और यूपीएस मदान )
ठेकेदार जे कुमार को सीएम का अभय
मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई- राज्य सरकार इनदिनों पारदर्शकता को वरीयता देकर अच्छे दिन लाने के प्रयास में है वहीँ दुसरी ओर पब्लिक टैक्स से जमा पैसे की बर्बादी करते हुए टेंडर निकाले ही बिना एमएमआरडीए द्वारा १८.९० करोड़ का ध्वनिरोधक का काम जारी करने की चौकानेवाली जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को प्राप्त हुई है। विशेष यानी जे कुमार नामक ठेकेदार को सीएम का अभय होने से शिकायत करने के बाद भी कारवाई करने की हिम्मत एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान नही दिखा रहे है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने एमएमआरडीए प्रशासन से विभिन्न ध्वनिरोधक काम की जानकारी मांगी थी। एमएमआरडीए प्रशासन ने सरकारी नियम और टेंडर प्रक्रिया को नजरअंदाज कर अतिरिक्त काम के नाम पर सड़क ठेकेदार जे कुमार को सीधे १८.९० करोड़ का काम दिया है। जिसे सेंट्रल रोड रिसर्च एजेंसी (सीआरआरआय) ने काम देने की सिफारस की थी।फ्लाईओवर काम पूर्ण होने के २ वर्ष के बाद एमएमआरडीए ने सेंट्रल रोड रिसर्च एजेंसी (सीआरआरआय) को ध्वनि की क्षमता और उपाय सुझाने का काम दिया है। इसके पहले बांद्रा-कुर्ला संकुल मार्ग ( ८.६८ करोड़ ), जेवीएलआर स्थित आयआयटी कैंपस ( ४.११ करोड़ ), पूर्व ईस्टर्न प्रâी वे स्थित आणिक-पांजरापोल लिंक रोड ( ७६.५० लाख ) और सांताक्रूझ चेंबूर लिंक मार्ग (५.१४ करोड़ ) इन कामों के लिए एमएमआरडीए ने टेंडर जारी किया था।
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मार्ग स्थित सायन हॉस्पिटल, किंग्स सर्कल-तुलपुले चौक आणि हिंदमाता उड्डाणपुल इन विभिन्न फ्लाईओवर पर ध्वनिरोधक का काम देते वक्त टेंडर निकाले बिना एमएमआरडीए प्रशासन ने जे कुमार इस ठेकेदार पर मेहरबानी दिखाते हुए १८.९० करोड़ का काम बहाल करने का आरोप अनिल गलगली ने लगाया हैं। इसके पहले भी जे कुमार ठेकेदार को दहिसर रेलवे ओवर ब्रिज पर रुपये ५.७४ करोड़ का टेंडर निकाले बिना 'अतिरिक्त काम' के नाम पर जारी करने काम एमएमआरडीए ने जारी किया था।
बाजार में यहीँ काम न्यूनतम रुपए ९५०० प्रति वर्ग मीटर से होते हुए भी एमएमआरडीए प्रशासन ने रुपए १२५०० प्रति वर्ग मीटर का महंगा विकल्प का चयन किया जिसके चलते एमएमआरडीए को ४ से ५ करोड़ का घाटा हुआ है। इसको लेकर आश्चर्य व्यक्त करते हुए अनिल गलगली ने सीएम देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और एमएमआरडीए महानगर आयुक्त यूपीएस मदान को लिखित पत्र भेजकर ताबडतोब योग्य कारवाई करने की मांग की है और टेंडर निकालकर सनदशीर मार्ग से ध्वनिरोधक काम जारी करने पर जोर दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत के बाद भी एमएमआरडीए के महानगर आयुक्त यूपीएस मदान कारवाई करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है क्योंकि रविवार को सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ जे कुमार कंपनी के मालिक तथा पिता पुत्र जगदीश गुप्ता और कमल गुप्ता के साथ हुई गुफ्तगी जिम्मेदार माने जाने की चर्चा एमएमआरडीए मुख्यालय में थी।
( फोटो कैप्शन - लेफ्ट टू राईट श्री जगदीश गुप्ता, सीएम देवेंद्र फडणवीस, कमल गुप्ता और यूपीएस मदान )
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