मुंबई के नालो पर क्लीनअप मार्शल की नजर
संवाददाता
मुंबई / मुंबई के नालेसफाई पर आरोप प्रत्यारोप होता रहता है.
महापालिका नालेसफाई करती है फिर भी नाले के पास रहने नागरिक नाले में दुबारा कचरा फेकती है इसलिए १ जून से सुरु होनेवाले
क्लीनअप मार्शल को नाले पर नियुक्त किया जानेवाला है.
नाले में कचरा फेकने वालो पर क्लीनअप मार्शल द्वारा कारवाई किए जाने कि संभावना महापालिका के अतिरिक्त पालिका आयुक्त संजय देशमुख ने किया है . मुंबई में ५० से ६० लाख नागरिक झोपडपट्टी में रहते है. नाले के पास रहने वाले नागरिको द्वारा कचरा फेका जाता है इसलिए कचरा जमा होने से पानी भरता है. नागरिको से निवेदन करने के बावजुद भी लोग नाले में कचरा फेकते है इसलिए क्लीनअप मार्शल की सहाय्यता लेनी पडेगी यह देशमुख ने कहा.
बता दे की मुंबई में ५६५ किलोमिटर लमबाई का नाला है. इसमे से
मीठी नदी की ७६, बडे नालो की ६६ प्रतिशत व छोटे
नालो की ३५ प्रतिशत सफाई की गयी है. पिछले वर्ष नालेसफाई में
भ्रष्टाचार किए जाने का मापला प्रकाश में आने पर अब टेंडर पॉलिसी में बदलाव किया गया है. जितना किचड निकलेगा उतना रुपया ठेकेदारो को दिया जाने वाला है.. वजन काटा का चयन किया गया है इन चयनित
काटो पर वजन करवाना पडेगा. इन वजन काटो पर पालिका के ४ कर्मचारी २ पाली में नजर रखेगे.किचड फेकने के लिए ९ स्थान निश्चित किया गया है इन स्थानो पर किचड फेकना पडेगा यह देशमुख ने कहा.किचड फेका जा रहा है की नही इसकी जाच पडताल करने के लिए वजन काटे तक घन कचरा व्यवस्थापन विभाग व कचरा डंपिंगपर फेका जा रहा है या नही यह जाच पडताल विजिलेंस विभाग करने वाली है. पहले नाले सफाई करते समय ठेकेदार विहायकल ट्रयाकिंग सिस्टम का प्रयोग करके पालिका को डेटा दिया जाता था. अब विहायकल ट्रयाकिंग सिस्टमपर पालिका का कंट्रोल रहने वाला है.
चालान में इसके पहले अनेक फेरीयो का पंजीकरण रहता था अब
एक चालान एक ही फेरी के लिए प्रयोग किया जाने वाला है.
नाले सफाई का किचड भरकर ले जाने वाला डंपर अब एक ही गट के लिए प्रयोग किया जायेगा यह देशमुख ने कहा।
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