Tuesday, 31 May 2016

PUNJAB MAIL COMPLETES 104 YEARS

PUNJAB MAIL COMPLETES 104 YEARS




The origins of the Bombay to Peshawar Punjab Mail are rather unclear. Based on a Cost Estimate paper circa 1911 and a complaint by an irate passenger circa October 12, 1912 about the 'late arrival of the train by a few minutes at Delhi', it has been more or less inferred that the Punjab Mail made her maiden run out of Ballard Pier Mole station on 1 June 1912.
Punjab Mail is over 16 years older than the more glamorous Frontier Mail. Ballard Pier Mole station was actually a hub for GIPR services. The Punjab Mail, or Punjab Limited as she was then called, finally steamed out on 1 June 1912.
To begin with, there were the P & O steamers bringing in the mail, and the Officers of the Raj, along with their wives, on their first posting in Colonial India. The steamer voyage between Southampton and Bombay lasted thirteen days. As the British officials held combined tickets both for their voyage to Bombay, as well as their inland journey by train to their place of posting, they would, after disembarking, simply board one of the trains bound for either Madras, Calcutta or Delhi.
Of the trains, the most prestigious was the Punjab Mail, or Punjab Limited as she was then called. The Punjab Limited used to run on fixed mail days from Bombay's Ballard Pier Mole station all the way to Peshawar, via the GIP route, covering the 2,496 km in about 47 hrs.
The train comprised of six cars: three for passengers, and three for postal goods and mail. The three passenger carrying cars had a capacity of 96 passengers only. The sparkling cars were all corridor cars, and were made up of first class, dual berth compartments. Catering as they were to the upper class gentry, the cars were pretty well appointed, offering lavatories, bathrooms, a restaurant car, and a compartment for luggage and the servants of the white sahibs.
During the pre-partition period, the Punjab Limited was the fastest train in British India. The Punjab Limited's route ran over GIP track for the large part, and passed through Itarsi, Agra, Delhi, Amritsar and Lahore, before terminating at Peshawar Cantonment.
The train started originating and terminating at Bombay VT (now Chhatrapati Shivaji Terminus Mumbai) from 1914. The train then loosely came to be known as the Punjab Mail, rather than Punjab Limited, and became a daily service.
From a service meant primarily for the upper class white sahibs, the Punjab Mail soon started catering to the lower classes too. Third class cars started appearing on the Punjab Mail by the mid 1930s.
In 1914, the GIP route from Bombay to Delhi was some 1,541 km. which the train used to cover in 29 hr. 30 min.

In the early 1920s, this transit time was further reduced to 27 hr. 10 min., despite as many as eighteen intermediate stops.

In 1972, the trainsit time was again pushed up to 29 hr.
In 2011, the Punjab Mail has as many as 55 intermediate stops.
The Punjab Mail got an air-conditioned car in 1945.
After electrification of the Thull Ghats, the train has been electric hauled from Bombay VT to Manmad, from whence WP class steam engines took over. The train was WP hauled from Manmad all the way till Ferozepore.
In 1968, the train was dieselized upto Jhansi, and its loading increased from 12 to 15 cars. Dieselization was later extended from Jhansi till New Delhi, then by 1976, onwards till Ferozepore.
The number of cars was increased to 18, with two cars getting added on at Jhansi.
In the late 1970/early1980s, WCAM/1 dual current locomotive to run the Punjab Mail on electric traction right upto Bhusaval, with the changeover from dc to ac traction at Igatpuri.
The Punjab Mail takes 34 hrs. to cover the 1,930 km between Mumbai and Firozpur Cantonment. The train is electric hauled. The restaurant car has been replaced by a pantry car.
It has one AC First Class cum AC2 Tier, one AC2 Tier, Five AC3 Tier, 10 Sleeper Class, one pantry car, 3 general second class coaches and two general second class cum guard’s brake vans.

हैल्थऐनेब्लर ने पेश किया ’वैल कम्यूनिटीज़’ फीचर

हैल्थऐनेब्लर ने पेश किया ’वैल कम्यूनिटीज़’ फीचर

अब इसके प्रयोक्ता स्वास्थ्य व आरोग्य संबंधी विभिन्न विषयों पर अपने सवाल पोस्ट कर सकेंगे और सलाह प्राप्त कर पाएंगे तथा साथ की अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकेंगे

मुंबई, 31 मई 2016: स्वास्थ्य और चिकित्सीय सहायता के मामले में सूचना के साथ फैसला करने में मददगार और आंकड़ों के बल पर चलने वाले प्लैटफॉर्म ’हैल्थऐनेब्लर’ ने अपने मौजूदा ऑनलाइन प्लैट फॉर्म पर एक नवीन फीचर ’वैल कम्यूनिटीज़’ पेश किया है। यह फीचर स्वास्थ्य एवं आरोग्य को तय समूहों के जरिए अलग-अलग करता है जिनमें विविध प्रकार के विषयों को शामिल किया जाता है जो इनफर्टिलिटी से लेकर कैंसर, स्किन केयर से लेकर फिटनेस तक हो सकते हैं। यह प्लैटफॉर्म डॉक्टरों व मरीजों दोनों को ही इसमें हिस्सा लेने का मौका देता है, जहां प्रयोक्ता अपने पसंदीदा समूह में सवाल पूछ सकता है और जवाब प्राप्त कर सकता है तथा जवाब देने वाले डॉक्टर के साथ ’सी द डॉक्टर’ बटन के द्वारा अपॉइंटमेंट भी सीधे ही बुक कर सकता है।

हैल्थऐनेब्लर के सीईओ एवं सह-संस्थापक बामासीश पॉल ने कहा, ’’जब आपको स्वास्थ्य योजना के बारे में कुछ भी न मालूम हो तो डॉक्टर के पास जाना अक्सर महंगा साबित हो सकता है। अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानना न केवल आपको शिक्षित बनाता है बल्कि आप सूचना के साथ फैसला करने की स्थिति में आ जाते हैं कि चिकित्सीय सहायता ली जाए या नहीं। चिकित्सीय सलाह के लिए केवल विश्वसनीय स्त्रोत पर ही भरोसा किया जा सकता है इसलिए हमारा ’वैल कॅम्यूनिटी’ फीचर यह सुनिश्चित करता है कि मरीजों को अपने सवालों के जवाब उसी समूह में अन्य मरीजों से मिल पाएं और हमारे नैटवर्क के डॉक्टरों से विशेषज्ञ परामर्श ले सकें।’’

इस प्लैटफॉर्म पर प्रयोक्ताओं को वैकल्पिक चिकित्सा, फिटनेस व खुराक, त्वचा व केश, कॉस्मेटिक उपचार, बाल स्वास्थ्य, मानसिक तंदुरुस्ति, यौन स्वास्थ्य, पेन मैनेजमेंट, पाचन संबंधी विकार, गर्भावस्था, पेरेन्टिंग, इनफर्टिलिटी, थायरॉइड विकार, ऐलर्जी, डायबिटीज़, हृदयरोग, फ्रैक्चर व पीठ दर्द, कैंसर व दंत रोग से संबंधित कम्युनिटीज़ मिलेंगी। एक बार जवाबों पर चर्चा हो जाए तो यह प्लैटफॉर्म प्रयोक्ता को सुविधा देता है कि उसके ग्रुप में परामर्श देने वाले डॉक्टर से सीधे मुलाकात का वक्त तय कर सके, इसके लिए ’सी द डॉक्टर’ बटन का उपयोग करना होगा।

मुंबईतील गरीब विद्यार्थ्यांच्या २५० शाळा नियमीत होणार हजारो विद्यार्थ्यांना दिला मुख्यमंत्री आणि शिक्षणमंत्र्यांनी न्याय भाजपाच्या प्रयत्नांना यश

मुंबईतील गरीब विद्यार्थ्यांच्या २५० शाळा  नियमीत होणार
हजारो विद्यार्थ्यांना दिला मुख्यमंत्री आणि शिक्षणमंत्र्यांनी न्याय
भाजपाच्या प्रयत्नांना यश
मुंबई दि. ३०
मुंबईतील झोपडपट्टी विभागात असणाऱ्या सुमारे २५० शाळा अनधिकृत ठरल्यामुळे त्यावर कारवाई झाल्यास शेकडो विद्यार्थ्यांचे शैक्षणिक भवितव्य धोक्यात येईल, हे लक्षात घेऊन आज भाजपाच्या शिष्टमंडळाने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्याकडे संयुक्त बैठक घेऊन या शाळांना अखेर न्याय मिळवून दिला आहे. यात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी दिलेल्या निर्णयामुळे या शाळा नियमित होण्याचा मार्ग खुला झाला आहे.

मुंबईत खाजगी, शासकीय व निमशासकीय  जमिनींवर शैक्षणिक आरक्षण नसलेल्या जागांवर उभ्या असणाऱ्या शाळा अनधिकृत ठरल्या होत्या आणि त्यांच्यावर कारवाई करण्याची सुरूवात महापालिकेने केली होती. काही शाळांना नोटीसाही बजावल्या होत्या, त्यामुळे या शाळांमध्ये शिकणाऱ्या विद्यार्थ्यांचे शैक्षणिक भवितव्य धोक्यात आले होते, याप्रकरणी मुंबई भाजपा अध्यक्ष  आमदार अॅड आशिष शेलार, भाजपा खासदार गोपाळ शेट्टी, उपमहापौर अलका केरकर यांनी  याप्रकरणी मुख्यमंत्र्यांनी लक्ष द्यावे अशी विनंती केली होती.  गरीब विद्यार्थ्यांच्या शैक्षणिक भवितव्याचा विचार करून या शाळा नियमित करण्याबाबत सरकारने विचार करावा अशी विनंतीही यांनी केली होती. त्यानुसार आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्याकडे संयुक्त बैठक घेण्यात आली. या बैठकीला  शिक्षणमंत्री विनोद तावडे, भाजपा खासदार गोपाळ शेट्टी, उपमहापौर अलका केरकर, आमदार कपील पाटील यांच्यासह जिल्हाधिकारी, शिक्षण व नगरविकास खात्याचे सचिव व संबंधीत  अधिकारी उपस्थित होते. या बैठकीत सविस्तर चर्चा केल्यानंतर दोन महत्वाचे निर्णय घेण्यात आले.

ज्या शाळा खाजगी जागांवर  आहेत आणि ती जागा शैक्षणिक म्हणून  विकास आराखड्यात आरक्षित नाही. ती जागा नव्या विकास आराखड्यात शैक्षणिक म्हणून आरक्षित करण्यात येईल.  म्हाडा, एमएमआरडीए आणि अन्य शासकीय आणि निमशासकीय  जागांवर  ज्या शाळा आहेत त्यातील बहुतांश शाळा या झोपडपट्टी विभागात असून त्यांना झोपडपट्टीसाठी लावण्यात येणारा  सन २००० चा पात्रतेचा निकष लावून त्यांचा पुनर्विकास करण्यास परवानगी देण्यात येईल. या दोन्ही निर्णयांमुळे मुंबईतील सुमारे २५० शाळा नियमीत होण्याचा मार्ग खुला झाला आहे व हजारो विद्यार्थ्यांचे शैक्षणिक भवितव्य संरक्षित झाले आहे.

जापान के कत्सुमी युसा हुए नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड क्लब में शामिल

जापान के कत्सुमी युसा हुए नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड क्लब में शामिल


~ यह जापानी मिडफिल्डर अपनी कमाल की फॉर्म और मैदान का रणनीतिक अनुभव साथ लाया है ~

मुंबई, 31 मई 2016: रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण नियुक्तियों को आगे बढ़ाते हुए अब नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड फुटबॉल क्लब (एनईयुएफसी) ने मिडफील्डर कत्सुमी युसा को अपने साथ जोड़ने की घोषणा की है। जापान के इस चपल और ऐथलेटिक फुटबॉलर ने आई-लीग में मोहन बागान की ओर से खेलते हुए कमाल की फॉर्म दिखाई है। हीरो आईएसएल 2016 के आगामी संस्करण में कत्सुमी युसा अपनी शानदार फॉर्म और मैदान के लंबे अनुभव के साथ एनईयुएफसी को लगातार आगे बढ़ाने में योगदान देने को पूरी तरह तैयार हैं।

मोहन बागान के साथ खेलते हुए कत्सुमी युसा भारतीय फुटबॉल जगत के सबसे अहम खिलाड़ियों में शामिल हो चुके हैं। एनईयुएफसी पहले ही रॉलिन बोर्जेस, सुब्रत पॉल और निर्मल छेत्री को साइन कर चुका हैं और अब कत्सुमी युसा को साइन कर के क्लब ने इस मुकाबले के अहम प्रतियोगी के तौर पर अपनी स्थिति और पुख्ता बना ली है।

टीम में नए खिलाड़ी की आमद से उत्साहित एनईयुएफसी के मालिक जॉन अब्राहम ने कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट युनाइटेड फुटबॉल क्लब में कत्सुमी युसा का स्वागत करने की हमें बहुत खुशी है। पिछले कुछ वर्षों में मैंने व्यक्तिगत रूप से उनका खेल देखा है और मुझे पूरा यकीन है वह कठिन स्थितियों में हमारे अनुभवी व कारगर हथियार साबित होंगे।’

Monday, 30 May 2016

सीएम और एमडी से अधिक वेतन पाते हैं मेट्रो के अफसर

सीएम और एमडी से अधिक वेतन पाते हैं मेट्रो के अफसर

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता, सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना, सीएफओ इंद्रनील सरकार, इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव अग्रक्रम पर होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड से मार्च 2016 में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अदा किए हुए वेतन की जानकारी मांगी थी। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के डिप्टी अकाउंटेंट और पब्लिक इनफार्मेशन गणेश घुले ने अनिल गलगली को 119 अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट दी । इस लिस्ट का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता ( रु 2,08,706/-) , सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट ( रु 2,03,346/-), इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा ( रु 1,92,945/-), एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना ( रु 1,82,688/-) , सीएफओ इंद्रनील सरकार ( रु 1,51,936/-) और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव ( रु 1,51,936/-) टॉप पर हैं। कई वर्ष इललीगल तरीके से कार्यरत आर रमन्ना को एमएमआरडीए से सरकार के आदेश पर हटाने की पहल के बाद उसने इस्तीफा दिया और आनन फानन में आश्चर्यजनक तरीके से मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में नौकरी पाई। जबकि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को रु 57,000/- और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे को रु 1,43,051/- इतना वेतन हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मुखिया के तौर पर मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर महाराष्ट्र सरकार ने अश्विनी भिडे को प्रतिनियुक्ति पर भेजा हैं और इनका फैसला अंतिम होता हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के कुल 119 अधिकारियों और कर्मचारियों में से 21 एमएमआरडीए का रिटायर्ड स्टाफ हैं। इनमें 5 एडवाइजर और 5 ओएसडी हैं। सबसे अधिक वेतन 1-1 लाख रुपए सीजीएम ट्रैक डी जी दिवटे और सिविल एडवाइजर के तौर पर एस आर नन्दर्गिकर को अदा किए जाते हैं। जबकि रिटायर्ड हुए लोगों रखने पर रोक है और डॉ जगन्नाथ ढोणे बनाम महाराष्ट्र सरकार की कोर्ट केस में इसपर रोक लगी थी। 119 में से 63 रेगुलर, 15 डेपुटेशन, 20 डायरेक्ट कॉन्ट्रैक्ट और 21 रिएम्प्लोयेड( रिटायर्ड ) हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के अनुसार वेतन के साथ वरिष्ठ अफसरों को निवास और गाडी की सेवा भी दी जाती हैं। इतना भारी वेतन जिन अफसरों को दिया जाता हैं उनके काम का जायजा हर 3 महीने में लेना चाहिए ताकि जो धन सरकारी तिजोरी से इनपर खर्च हो रहा हैं उसके मुताबिक उनसे काम लिया जाए।

सीएम और एमडी से अधिक वेतन पाते हैं मेट्रो के अफसर

सीएम और एमडी से अधिक वेतन पाते हैं मेट्रो के अफसर

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता, सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना, सीएफओ इंद्रनील सरकार, इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव अग्रक्रम पर होने की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने दी हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड से मार्च 2016 में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अदा किए हुए वेतन की जानकारी मांगी थी। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के डिप्टी अकाउंटेंट और पब्लिक इनफार्मेशन गणेश घुले ने अनिल गलगली को 119 अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट दी । इस लिस्ट का अध्ययन करने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे से अधिक 6 अफसर वेतन पा रहे हैं। अधिक वेतन पानेवालों में प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुबोध गुप्ता ( रु 2,08,706/-) , सिस्टम डायरेक्टर अजयकुमार भट्ट ( रु 2,03,346/-), इलेक्ट्रिकल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर के शर्मा ( रु 1,92,945/-), एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर रमन्ना ( रु 1,82,688/-) , सीएफओ इंद्रनील सरकार ( रु 1,51,936/-) और सिविल विभाग के जनरल मैनेजर चरुहस जाधव ( रु 1,51,936/-) टॉप पर हैं। कई वर्ष इललीगल तरीके से कार्यरत आर रमन्ना को एमएमआरडीए से सरकार के आदेश पर हटाने की पहल के बाद उसने इस्तीफा दिया और आनन फानन में आश्चर्यजनक तरीके से मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड में नौकरी पाई। जबकि महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को रु 57,000/- और मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विनी भिडे को रु 1,43,051/- इतना वेतन हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की मुखिया के तौर पर मैनेजिंग डायरेक्टर पद पर महाराष्ट्र सरकार ने अश्विनी भिडे को प्रतिनियुक्ति पर भेजा हैं और इनका फैसला अंतिम होता हैं। मुंबई मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड के कुल 119 अधिकारियों और कर्मचारियों में से 21 एमएमआरडीए का रिटायर्ड स्टाफ हैं। इनमें 5 एडवाइजर और 5 ओएसडी हैं। सबसे अधिक वेतन 1-1 लाख रुपए सीजीएम ट्रैक डी जी दिवटे और सिविल एडवाइजर के तौर पर एस आर नन्दर्गिकर को अदा किए जाते हैं। जबकि रिटायर्ड हुए लोगों रखने पर रोक है और डॉ जगन्नाथ ढोणे बनाम महाराष्ट्र सरकार की कोर्ट केस में इसपर रोक लगी थी। 119 में से 63 रेगुलर, 15 डेपुटेशन, 20 डायरेक्ट कॉन्ट्रैक्ट और 21 रिएम्प्लोयेड( रिटायर्ड ) हैं। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के अनुसार वेतन के साथ वरिष्ठ अफसरों को निवास और गाडी की सेवा भी दी जाती हैं। इतना भारी वेतन जिन अफसरों को दिया जाता हैं उनके काम का जायजा हर 3 महीने में लेना चाहिए ताकि जो धन सरकारी तिजोरी से इनपर खर्च हो रहा हैं उसके मुताबिक उनसे काम लिया जाए।

भाजपाचे मंत्री एकनाथ खडसे यांचा राजीनामा आणि मुंबई महानगरपालिका बरखास्त करा या दोन मागण्याचे निवेदन मुंबईकाँग्रेसने राज्यपालांना दिले...

भाजपाचे मंत्री एकनाथ खडसे यांचा राजीनामा आणि मुंबई महानगरपालिका बरखास्त करा या दोन मागण्याचे निवेदन मुंबईकाँग्रेसने राज्यपालांना दिले...

मुंबई काँग्रेसचे अध्यक्ष संजय निरुपम यांच्या अध्यक्षतेखाली मुंबई काँग्रेसचे शिष्टमंडळ राज्यपाल मा. श्री. विद्यासागर राव यांना आज सोमवार, दिनांक ३० मे२०१६ रोजी दुपारी १२.०० वाजता भेटले. यावेळीभाजपाचे मंत्री एकनाथ खडसे यांचा
राजीनामा आणि मुंबई महानगरपालिका बरखास्त करा या दोन मागण्याचे निवेदन मुंबई काँग्रेसने राज्यपालांना दिले.   

यावेळी मुंबई काँग्रेसचे अध्यक्ष संजय निरुपम म्हणाले की, भाजपाचे मंत्री एकनाथ खडसे यांच्यावर अनेक भ्रष्टाचाराचे आरोप झाले आहेत. त्यांना या पदावर राहण्याचा अजिबात अधिकार नाही. त्यांच्यावर लाच मागितल्याचा आरोप आणि  त्यांचा कुविख्यात गुंड दाऊदशी असलेले संबंध तसेच पुणे येथील एमआयडीसी जमीन घोटाळा या सर्व प्रकरणात ते दोषी असून त्यांचा ताबडतोब राजीनामा घेतला पाहिजे. भाजपा सरकारने त्यांच्यावर कारवाई केली पाहिजे. त्यांना मंत्री पदावरून तात्काळ हटविले पाहिजे, अशी आम्ही मागणी माननीय राज्यपालांना केलेली आहे.

ते पुढे म्हणाले की मुंबई महानगरपालिकेत प्रचंड प्रमाणात भ्रष्टाचार झालेला आहे. शिवसेना भाजपा मुंबई महानगरपालिका चालविण्यास पूर्णतः अपयशी ठरलेली आहे. ते फक्त एकमेकांवर आरोप करत आहेत. मुंबई महानगरपालिकेत अनेक घोटाळे झालेले आहेत. रस्ते घोटाळा, नाले सफाई घोटाळा, डम्पिंग ग्राउंड घोटाळा, टॅबलेट घोटाळा, असे अनेक घोटाळे बाहेर आलेले आहेत. पावसाळा तोंडावर आलेला असून अजून मुंबईतील नाल्यांची सफाई झालेली नाही, मुंबईकर निराश झालेले आहेत. मुंबईकरांना चांगल्या सोयी सुविधा देण्यात शिवसेना भाजपा सरकार संपूर्णपणे अपयशी ठरलेली आहे. त्यामुळे मुंबई महानगरपालिकेतील हे सरकार ताबडतोब बरखास्त केले पाहिजे, अशी आमची दुसरी मागणी आम्ही राज्यपालांकडे सादर केलेली आहे.       
      
या शिष्टमंडळामध्ये मुंबई काँग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम यांच्या सोबत माजी खासदार एकनाथ गायकवाडआमदार असलम शेख, कालिदास कोळंबकर, अमिन पटेल, वर्षाताई गायकवाड, माजी आमदारचरण सिंग सप्रा, अशोक जाधव, मनपा विरोधी पक्षनेता प्रविण छेडा तसेच मुंबई काँग्रेसचे सरचिटणीस भूषण पाटील व संदेश कोंडविलकर उपस्थित होते. 

Friday, 27 May 2016

महापालिका आयुक्तांनी अचानक भेटी देऊन केली रस्ते विषयक कामांची पाहणी

महापालिका आयुक्तांनी अचानक भेटी देऊन केली रस्ते विषयक कामांची पाहणी

जी /दक्षिण व एल विभागात रस्त्यांच्या बाजूचे बांधकाम साहित्य २४ तासात हटविण्याचे आदेश

बृहन्मुंबई महानगरपालिकेद्वारे शहर व पूर्व उपनगरात विविध ठिकाणी सुरु असलेल्या रस्ते विषयक कामांची महापालिका आयुक्त श्रीअजोय मेहता यांनी आज अचानक भेट देऊन पाहणी केलीया पाहणी दरम्यान शहरातील डीजी दक्षिण,जी उत्तर तर पूर्व उपनगरातील एलएम पूर्व व एम पश्चिम या प्रशासकीय विभागात सुरु असलेल्या कामांची पाहणी केली.

या पाहणी दरम्यान शहरातील जी दक्षिण विभागातील सात रस्ता ते चिंचपोकळी या साने गुरुजी मार्गावरील व पूर्व उपनगरातील एल विभागातील शीव स्टेशन ते एससीएलआर या लालबहादूर शास्त्री मार्गावरील रस्त्यांच्या बाजूला बांधकाम साहित्य पडलेले आढळून आलेसदर बांधकाम साहित्य पुढील २४ तासात हटविण्याचे आदेश महापालिका आयुक्तांनी संबंधित सहाय्यक आयुक्तांना दिले आहेतआज झालेल्या पाहणी दौ-यात उपायुक्त (आयुक्त कार्यालयश्रीरमेश पवार हे सहभागी होते.

मरन्या डोये की मृत्यू की सिबीआई जाच करे - रजा मुराद

मरन्या डोये की मृत्यू की सिबीआई जाच करे - रजा मुराद

मोहम्मद मुकीम शेख
मुंबई / अरुणाचल प्रदेश की मरन्या डोये यह महाड स्थित साईं सिद्धी इंजिनीअरिंग  कंपनी  में  नौकरी (डयुटी) के समय उसकी मृत्यु हुयी है. मरन्या डोये का खून किए जाने के बाद इसकी जाच उचित तरह  नही की जा रही है इसलिए इस खुन की जाच  सिबीआई से करायी जाए यह मांग  प्रसिद्ध  फिल्म अभिनेता  रजा मुराद  ने  पत्रकार  परिषद में किया है. उक्त समय मृत मरन्या की बहन मरिना, अभिनेता अली खान, माय होम इंडिया के दामोदर ड्यानियेट उपस्थित थे.
बता दे की अरुणाचल प्रदेश की डोये परिवार की मरन्या, मार्टर, मरिना यह तिनो लडकीयों ने  दिल्ली से होटेल मैनेजमेंट का कोर्स किया था औद्योगीक प्रशिक्षण के लिए वह महाड के विसावा रिसोर्ट में भर्ती होकर  वही  प्रशिक्षण  लेकर नौकरी करने लगी.इस  दरम्यान एम.आय.डी.सी. स्थित  साईं सिद्धी इंजिनीअरिंग कंपनी का मालीक सचिन पवार ने  मरन्या  को अधिक  वेतन दिए जाने का आश्वासन देकर अपनी कंपनी में नौकरी पर लगाया.इस कंपनी में काम करते  हुए कंपनी में सफ़ेद पावडर का कारोबार किया जा रहा और इसके माध्यम  से  भरपूर पैसा आ रहा है यह वह समझ गयी थी. जिसकी जानकारी मरन्या ने  रिश्तेदारो को दिया था यह जानकारी मरिना डोये ने दिया.
मरन्या की मृत्यु २६ अप्रैल को हुयी. मरन्या की मृत्यू का पंजीकरण महाड  एमआयडीसी ने अचानक  मृत्यु हुयी यह नोंद किया. मरन्या  ने यदी गले में फासी लगाया तो फिर उसके चेहरे के पास पार-पीट होने का  जखम वैâसे हुवा यह सवाल करते हुए हमारे शिकायत करने पर पुलिस ने ३०२ कलम के तहद अपराध  पंजीकरण किया.एफआईआर  में  पवार  और उसके अन्य साथीयो और परिवार के लोगो का नाम होने के बावजुद सिर्फ सचिन पवार को गिरफ्तार कर जमानत दिलवाने का काम पुलिस ने किया यह आरोप मरीना ने किया है.मरन्या के मृत्यु के बाद अरुणाचल प्रदेश में लाखो लोगो ने मोमबत्ती हाथ में लेकर मोर्चा निकाला था. उस  समय  मुख्यमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री किरेन रिजीजुजी  ने  इस मामले की  सिबिआई जाच करवाया जायेगा यह घोषीत किया था. मरन्या की मृत्यु संदेहजनक हुयी है इस मामले की सिबीआई  जाच करवाया जाए   इसलिए सभी संबंधित केंद्रीय मंत्री, महाराष्ट्र के  राज्यपाल, मुख्यमंत्री,  पुलिस महासंचालक, महिलाआयोग, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जातीजमाती आयोग, तथा  अरुणाचल प्रदेश के मंत्री को निवेदन दिए जाने की जानकारी मरीना ने दिया है।

देड सौ करोड का किचड और डेब्रिज घोटाळा महापालिका उपायुक्त भरत मराठे जाच के जाल में अतिरिक्त आयुक्त ने दि जानकारी

देड सौ करोड का किचड और डेब्रिज घोटाळा
महापालिका उपायुक्त भरत मराठे जाच के जाल में 
अतिरिक्त आयुक्त ने दि जानकारी
 संवाददाता
मुंबई / महापालिका में दो वर्ष पहले हुए देड करोड के  डेब्रिज और किचडघोटाले  के मामले में   महापालिका के झोन पाच के     उपायुक्त भरत मराठे  जाच के जाल में फस गए है. इस मामले की जाच कि जारही है जिसकी रिपोर्ट जल्द ही पेश किया जायेगा यह जानकारी         महापालिका के अतिरिक्त आयुक्त संजय देशमुख ने    आज स्थायी समिती में दिया.
बता दे कि समाजवादी पार्टी के गटनेता रईस शेख ने   आज स्थायी समिती में इस घोटाले पर ध्यान दिलाते हुए उसकी  स्थिती  क्या है  यह जानना चाहा.रास्ते के पास का किचड और डेब्रिज  निकालने के लिए दो वर्ष पहले    टेंडर निकाला  गया  था .एम/पुर्व, एम/पश्चिम और एल वॉर्ड के लिए यह निविदा निकाला गया था. ७३० दिन यह करना था. देड सौ करोड की काम की यह थी .लेकीन ठेकेदार ने यह काम किया ही नही. सिर्फ ठेकेदार ने सहाय्यक अभियंता के    हस्ताक्षर से  ४० प्रतिशत अतिरिक्त वेतन लिया और अतिरिक्त वेतन नियमित  करने पर नया  काम  हाथ में लेगे यह  धमकी भी ठेकेदार ने दिया. उसके बाद झोन पाच के तत्कालिन उपायुक्त भरत मराठे ने यह    वेतन नियमित किया था. इस मामले कि जाच कि जारही है क्या? किजा रही है तो जाच कहा तक पहुची है? यह सवाल रईस शेख ने किया.इस पर इस मामले में सच्चाई है.इस लिए इस मामले की घनकचरा व्यवस्थापन के उपायुक्त द्वारा मामले कि जाच कि जा रही है यह संजय देशमुख ने स्पष्ट किया.

साहित्य क्षेत्रातील दिग्गज व्यक्तीमत्व हरपले! प्रा. रा. ग. जाधव यांच्या निधनावर विखे पाटील यांची प्रतिक्रिया

साहित्य क्षेत्रातील दिग्गज व्यक्तीमत्व हरपले!
प्रा. रा. ग. जाधव यांच्या निधनावर विखे पाटील यांची प्रतिक्रिया
मुंबई२७ मे २०१६:
ज्येष्ठ लेखकसमीक्षक प्रा. रा. ग. जाधव यांच्या निधनाचे वृत्त अत्यंत दुखःद असून,त्यांच्या रूपाने साहित्य क्षेत्रातील एक दिग्गज व्यक्तिमत्त्व हरपल्याची प्रतिक्रिया विधानसभेतील विरोधी पक्षेनेते राधाकृष्ण विखे पाटील यांनी व्यक्त केली.
प्रा. जाधव यांच्या निधनावर शोक व्यक्त करताना विखे पाटील म्हणाले कीमराठी साहित्य क्षेत्रात त्यांचे महत्त्वपूर्ण योगदान असून विविध साहित्य प्रकार त्यांनी समर्थपणे हाताळले. त्यांची निळी पहाट‘, ‘संध्यासमयीच्या गुजगोष्टी’, ‘समीक्षेतील अवतरणे’ आदी पुस्तके मोठ्या प्रमाणात गाजली. प्रा. जाधव यांनी ३७ काव्यसंग्रहांचे परिक्षण केले असून मराठी विश्वकोषातही त्यांचे मोलाचे योगदान होते. तसेच त्यांनी औरंगाबाद येथे २००४ मध्ये पार पडलेल्या अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलनाचे अध्यक्षपद भूषविले होते. राज्य शासनातर्फे प्रा. जाधव यांना २०१५ वर्षासाठीचा विंदा करंदीकर जीवनगौरव पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्यात आले होते. त्यांच्या निधनामुळे मराठी साहित्य क्षेत्राचे मोठे नुकसान झाले आहे.

Thursday, 26 May 2016

वांद्रे पश्चिम रेल्वे स्टेशन जवळील परिसरात महापालिकेची धडक कारवाई !

वांद्रे पश्चिम रेल्वे स्टेशन जवळील परिसरात महापालिकेची धडक कारवाई !

८ अनधिकृत हॉटेल्स व ९ अनधिकृत दुकानांवर महापालिकेच्या एच पश्चिम विभागाची कारवाई

वाहनांची वाहतुक व पादचा-यांचे आवागमन होणार सुखकर




बृहन्मुंबई महापालिकेच्या एच पश्चिम विभागाने आज वांद्रे पश्चिम रेल्वे स्थानकाजवळ गेल्या अनेक वर्षांपासून असलेल्या अनधिकृत बांधकामांवर धडक कारवाई करित ८ अनधिकृत हॉटेल्स व ९ अनधिकृत दुकानांवर निष्कासनाची कारवाई केली आहेयामुळे वांद्रे पश्चिम रेल्वे स्थानकाजवळील रस्ते व पदपथ मोकळे झाल्याने आता वाहनांची वाहतूक अधिक सुकरपणे होण्यास आणि पादचा-यांना देखील सुखकर आवागमन करण्यास मदत होणार आहेयाशिवाय वांद्रे रेक्लेमेशन परिसरातील अनधिकृत बांधकामांवर देखील मोठी कारवाई करण्यात येऊन संबंधित बांधकामे तोडण्यात आली आहेत.

वांद्रे पश्चिम भागातील यादगार हॉटेलदानिश कबाब कॉर्नरसिख कबाब कॉर्नर यांच्यावर अतिक्रमण विरोधी कारवाई आज करण्यात आलीयाशिवाय काही अत्तर आणि लेखन विषयक साहित्याच्या दुकानांवर देखील कारवाई करण्यात आली आहेवांद्रे रेक्लेमेशन भागातील मसाला झोन आणि बिग बाईट्स सारख्या आस्थापनांद्वारे करण्यात आलेले वाढीव स्वरुपाचे अनधिकृत बांधकामही निष्कासित करण्यात आले आहेबृहन्मुंबई महापालिकेच्या एच पश्चिम विभागाचे सहाय्यक आयुक्त श्रीशरद उघडे यांच्या नेतृत्वात सहाय्यक अभियंता राजेश यादवदुय्यम अभियंता भोसले यांच्या संबंधित चमूद्वारे ही अतिक्रमण विरोधी कारवाई करण्यात आली.

नाले सफाई के कारण मकान व दुकान नाले मे ढहा निवासीयो का आरोप

नाले सफाई के कारण मकान व दुकान नाले मे ढहा निवासीयो का आरोप

संवाददाता
मुंबई / कुर्ला पूर्व स्थित शिवसृष्टी के नाले के निचे की जमीन  खिसक जाने से नाले से सटे हुए ३०-३५ मकान ढह गए है.यह मकान नाले सफाई के बाद ढहने का आरोप स्थानिक निवासीयो ने किया है.
 नाले सफाई के बाद जमिन धसने का यह मामला चर्चा का विषय बना हुवा है.गौरतलब है की बरसात नजदिक आने पर  प्रती वर्ष की तरह
नालेसफाई  का काम  बढे  पैमाने पर सुरु है.इसी तरह नाले सफाई का काम कुर्ला पूर्व के  शिवसृष्टी  में  नाले का काम  सुरु किया गया. सुबह ७ बजे के आस पास नाले सफाई सुरु होने के समय अचानक  नाले की दिवार और  पास की  जमीन  धस गयी  जिसमे नाले के पास की लगभग ३०-३५ दुकान और मकान ढह गया.इन  मकानो और दुकानो का सामान नाले मे पडा है  जिसमें निवासीयो का आर्थिक नुकसान हुवा है.तिन चार दिन पहले ही   नाले के पास का मकान और दुकान ढहेगा इसका आभास नागरिको को हुवा था.इन निवासीयो का     पुनर्वसन पालिका  करने के लिए तैय्यार है लेकीन नागरिक उसी जगह पुनर्वसन  किए जाने की मांग  कर रहे  है यह जानकारी
स्थानिक नगरसेविका दर्शना शिंदे ने दिया. इस स्थान पर  विधायक मंगेश कुडाळकर और मुंबई की महापौर स्नेहल आंबेकर ने मुलाकात किया है. 

एन्टोप हिल कब्रस्तान की जमीन के मामले शिवसेना सभागृह नेता के मकान पर मोर्चा

एन्टोप हिल कब्रस्तान की जमीन के  मामले शिवसेना सभागृह नेता के मकान पर मोर्चा
संवाददाता
मुंबई / वडाला एन्टोपहिल स्थित सुन्नी मुस्लिम वडाळा कब्रस्तान ट्रस्ट का कब्रस्तान है. इस कब्रस्तान सटी हुयी जमीन पालिका नियमानुसार
कब्रस्तान  को दिया जाना  आवश्यक होता है गलत जानकारी के आधार पर इस जमीन पर अवैध कब्जा किया जा रहा है इसलिए 
शिवसेना की  स्थानिक नगरसेविका और  सभागृह नेता  तृष्णा विश्वासराव के मकान पर  २७ मई  को मोर्चा निकाला जायेगा यह  जानकारी समाजवादी पार्टी के गट नेता  रईस शेख ने दिया है.
बता दे की वडाला एन्टोपहिल स्थित सुन्नी मुस्लिम वडाळा कब्रस्तान ट्रस्ट का ८० हजार चौरस फुट जमीन पर कब्रस्तान है. इस कब्रस्तान से लगकर  ३ हजार चौरस फुट की जमीन है. यह जमीन
कब्रस्तान  को दिया जाए यह मांग कई बार किया गया  लेकीन पालिका
इस पर नजरअंदाज किया है. खाली जमीन के बाजू में 
कब्रस्तान  है  यह छुपाकर इस जमीन पर छोटे बच्चो के लिए
टॉय लायब्ररी बनाई जाने वाली है.विकास  प्रारुप मंजूर न होने पर
और विकास प्रारूप को शिवसेना का  विरोध  होने के बावजुद
शिवसेना  की   सभागृह  नेता विश्वासराव ने टॉय लायब्ररी निमार्ण कार्य की सुरुवात किया है.फिलहाल उस जगह  कब्रस्तान १०० वर्षे पुरानी है. उस  जगह  अन्य धार्मिक विधि करते समय अडचण होती है.
 मृत व्यक्ती के साथ आने वाले लोगो को रास्ता रोककर रास्ते पर नमाज पढना पडता है. दफनाने के बाद स्त्री और पुरुषो को वजु बनाना पडता है जिसका इंतजाम इस जगह नही है.पालिका नियमानुसार ५० हजार चौरस फूट पर  दफ़नभूमी में नागरिको को रास्ता रहना चाहिए लेकीन इस एक ही रास्ता होने से कभी भी दुर्घटना हो सकती है यह संभावना व्यकत कि जा रही है.कब्रस्तान के बाजु का ३ हजार चौरस फुट
की जमीन मिलने पर यह सभी सुविधा किया जा सकता है.
 रास्ते पर नमाज पडने के लिए रास्ता  रोकना  नही पडेगा यह
जमीन  ट्रस्ट को दिए जाने  की मांग कि जा रही है.
शिवसेना युवानेता आदित्य ठाकरे के साथ ट्रस्ट के पदाधीकारीयो ने मुलाकात करने पर   आदित्य ने तृष्णा विश्वासराव  को  फोन  करके
मामला खत्म करने का निर्देश दिया था. लेकीन उसके बाद
विश्वासराव ने टॉय लायब्ररी के निचे की जमीन तुम लो और उपर की जमीन  टॉय लायब्ररी  को दो यह  प्रस्ताव  दिला  है. निचे के फ्लोर पर लाश का अंतिम विधि के समय धार्मिक कार्यक्रम  करने पर इसका असर होगा की नही यह सवाल प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है।

कामगिरी शून्य असताना जनतेच्या कोट्यवधी रूपयांची उधळपट्टी कशाला? केंद्र सरकारच्या वर्धापन दिनावरील खर्चावर काँग्रेस नेते सचिन पायलट यांची बोचरी टीका



कामगिरी शून्य असताना जनतेच्या कोट्यवधी रूपयांची उधळपट्टी कशाला?
केंद्र सरकारच्या वर्धापन दिनावरील खर्चावर काँग्रेस नेते सचिन पायलट यांची बोचरी टीका

मुंबई, दि. 26 मे 2016:
मागील दोन वर्षातील कामगिरी शून्य असताना केंद्र सरकारच्या दुसऱ्या वर्धापन दिनी जाहिराती व आत्मस्तुतीच्या कार्यक्रमांसाठी कोट्यवधी रूपयांची उधळपट्टी कशाला? अशी संतप्त विचारणा काँग्रेस नेते व राजस्थानचे प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट यांनी केली आहे.
देशातील 11 राज्ये तीव्र दुष्काळाला तोंड देत असताना सरकार स्वतःची पाठ थोपटून घेण्यासाठी जनतेच्या पैशांची उधळपट्टी करते, हे असंवेदनशीलतेचे द्योतक असल्याची बोचरी टीकाही त्यांनी केली. जाहिरातबाजी करून आणि सेलिब्रेटीजला बोलावून कर्तबगारी सिद्ध होत नाही. त्यापेक्षा सरकारने हाच कोट्यवधींचा निधी महाराष्ट्रातील दुष्काळग्रस्तांसाठी खर्च केला असता तर त्याचे स्वागत झाले असते, असेही सचिन पायलट यांनी सांगितले.
पायलट यांनी गुरूवारी दुपारी प्रदेश कार्यालय गांधी भवन येथे पत्रकार परिषदेला संबोधित केले. याप्रसंगी प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ. सुरेश शेट्टी, माजी मंत्री आ. डी.पी. सावंत, प्रदेश प्रवक्ते आ. भाई जगताप, डॉ. राजू वाघमारे आदी उपस्थित होते. पत्रकारांशी संवाद साधताना त्यांनी केंद्र सरकारवर जोरदार हल्ला चढवला. ते म्हणाले की, भाजपचे केंद्र सरकार सर्वच आघाड्यांवर अपयशी ठरले आहे. देशातील अनेक राज्यात दुष्काळ असताना मोदी सरकार शेतकऱ्यांना मदत करू शकले नाही. महाराष्ट्रात एका वर्षात 3228 शेतकरी आत्महत्या झाल्या. महाराष्ट्रात आणि केंद्रात दोन्ही ठिकाणी भाजपचेच सरकार आहे. तरीही येथील शेतकऱ्यांना न्याय मिळाला नाही. पंतप्रधान नरेंद्र मोदींना महाराष्ट्रात यायला साधा वेळ देखील मिळाला नाही. मराठवाड्यात जाऊन त्यांना शेतकऱ्यांची चौकशी करण्याची गरज भासली नाही. याच मोदींनी कृषीमालाला उत्पादन खर्चावर 50 टक्के नफा मिळेल, एवढा भाव देण्याचे आश्वासन दिले होते. प्रत्यक्षात शेतीमालाला किती भाव मिळाला, याची पंतप्रधानांनी चौकशी करावी, अशी सूचना त्यांनी मांडली. शेतकरी हिताच्या गप्पा करणाऱ्या या सरकारने भू-संपादन कायद्याच्या निमित्ताने शेतकऱ्यांवर घाव घालण्याचाच प्रयत्न केला. जे भू-संपादन विधेयक भाजपसह सर्व पक्षांनी बहुमताने पारित केले होते, त्याच विधेयकात सरकार बदलताच अवघ्या 7 महिन्यांनी आमूलाग्र बदल करण्याची गरज मोदींना का भासली, अशी विचारणा सचिन पायलट यांनी केली.
केंद्र सरकारच्या आर्थिक धोरणांवरही त्यांनी चौफेर हल्ला चढवला. मोदींनी 100 दिवसांत विदेशातील काळा पैसा आणून प्रत्येक नागरिकाच्या बॅंक खात्यात 15 लाख रूपये जमा करण्याचे आश्वासन दिले होते. परंतु, 750 दिवस झाले तरी अजून ना काळा पैसा आला ना लोकांना 15 लाख रूपये मिळाले. उलटपक्षी याच सरकारच्या कार्यकाळात बॅंकांचे 9 हजार कोटी रूपये बुडवून विजय मल्ल्या पसार झाला. विदेशात जाऊन बसलेल्या ललीत मोदीला वाचविण्यासाठी भाजपचेच नेते धडपडताना दिसत आहेत. आर्थिक विकास दर ढासळतो आहे. निकषात बदल करून हा दर जास्त भासवण्याचा प्रयत्न सरकारने केला आहे. भारताची निर्यात घटली आहे. जागतिक पातळीवर कच्च्या तेलाच्या किंमतीत सुमारे 60 टक्क्यांहून अधिक घसरण झाली. परंतु, केंद्र सरकारने त्याचा पुरेसा फायदा पेट्रोल-डिझेलच्या ग्राहकांना मिळवून दिला नाही. मोदी सरकारने दोन कोटी रोजगार निर्मितीची घोषणा दिली होती. प्रत्यक्षात आजवर केवळ 1 लाख 37 हजार लोकांनाच रोजगार मिळाला आहे. मोदींनी लोकांना खोटी स्वप्ने दाखवून सत्ता मिळवली. परंतु, त्या स्वप्नांचा बुडबुडा दोन वर्षातच फुटल्याची टीका युवा नेते सचिन पायलट यांनी केली.
भ्रष्टाचारासंदर्भात भाजपचे धोरण दुतोंडी असल्याचा घणाघात त्यांनी केला. ते म्हणाले की, काँग्रेस सरकारच्या कार्यकाळात केवळ आरोप झाले तरीही अनेकांनी राजीनामे दिले होते. अनेक नेत्यांवरील आरोप आजही सिद्ध झालेले नाहीत. परंतु, नैतिकता म्हणून त्यांनी पदे सोडली होती. दुसरीकडे ना खाऊंगा, ना खाने दुंगाअसे सांगणाऱ्या नरेंद्र मोदींच्या नाकाखाली भ्रष्टाचाराने थैमान घातले आहे. राजस्थानात भूमि घोटाळा झाला. पण् त्याची दखलही केंद्र सरकारने घेतली नाही. मध्य प्रदेशातील व्यापम घोटाळ्यात 50 जणांचा संशयास्पद मृत्यू झाला. परंतु, मोदी सरकारने त्यावर लक्ष दिले नाही. दुसरीकडे हिमाचल प्रदेश काँग्रेसचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंग यांच्या घरी मुलीचे लग्न सुरू असताना भ्रष्टाचाराच्या चौकशीच्या नावाखाली राजकीय द्वेषातून छापेमारी केली जाते. हा भाजपचा दुटप्पीपणा नव्हे का, अशी विचारणाही पायलट यांनी केली.
मोदी सरकारचे परराष्ट्र धोरणही साफ अपयशी ठरले आहे. एक सर के बदले दस सरची भाषा करणारे मोदी अचानक पाकिस्तानबाबत मवाळ झाले. देशाला अंधारात ठेवून अचानक पाकिस्तानला जाऊन आले. पण फोटोसेशन करून दोन देशांचे संबंध सुरळीत होत नाहीत. मोदी पाकिस्तानला जाऊन आले आणि आठ दिवसांत पठाणकोटवर अतिरेकी हल्ला झाला. ज्या पाकिस्तानातून हल्लेखोर अतिरेकी आले, त्याच पाकिस्तानला मोदींनी हल्ल्याच्या चौकशीसाठी बोलावले. मोदी सरकारच्या कार्यकाळात पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाळ, चीन अशा सर्वच शेजारी देशांशी भारताच्या संबंधात कटुता निर्माण झाली, असे पायलट यांनी सांगितले.
मोदी सरकारच्या कामकाजावर केवळ या देशातील जनता आणि विरोधी पक्ष टीका करीत नाहीत तर शिवसेनेसारखे सरकारचेच घटक पक्षसुद्धा टीका करतात. परंतु, शिवसेनेची ही टीका निरर्थक आहे. त्यांना सरकारचा कारभार मान्य नसेल तर केवळ मुखपत्रातून टीका करण्याऐवजी सरकारबाहेर पडावे, असेही सचिन पायलट म्हणाले. 

Wednesday, 25 May 2016

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के शिक्षा के लिए ऑलसुपरमार्ट की पहल

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के शिक्षा के लिए ऑलसुपरमार्ट की पहल
~ सामाजिक प्रतिबद्धता उपक्रम के तहत पालघर जिले में से 222 बच्चों को लिया गोद; करेंगे शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति   ~



मुंबई/पालघर, 25 मई 2016: सामाजिक प्रतिबद्धता उपक्रम के तहत स्थानीय विक्रेताओं की वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री की सुविधा प्रदान करनेवाला हाइपरलोकल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ऑलसुपरमार्ट ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाराष्ट्र के पालघर जिले में से 1 से 17 वर्ष की आयु के 222 बच्चों को गोद लिया हैं। इन बच्चों को स्कूल बैग्स, यूनिफॉर्म्स /कपड़े, जूते- चप्पल, आवश्यक स्टेशनरी एवं रेनकोट जैसी शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने की जिम्मेदारी ऑलसुपरमार्ट द्वारा की जाएगी। 

गतिविधि का संचालन पालघर जिले के विक्रमगड तालुका (उपखंड) के तीन गांवों वनवासीपाडा, सावा और उभीडोन में 24 मई 2016 को किया गया। धामनी डैम के निकट स्थित ये इलाके भारत की स्वतंत्रता के 7 दशकों के बाद भी बिजली और मूलभूत आधारभूत संरचना से वंचित हैं। इसलिए ऑलसुपरमार्ट ने इन गांवों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का उत्तरदायित्व ग्रहण किया है।

इस गतिविधि पर प्रतिक्रया व्यक्त  करते हुए अमित सिंह, संस्थापक व सीईओ, ऑलसुपरमार्ट ने कहा कि, ''शिक्षा मनुष्य का मूल अधिकार है एवं इसे सभी के लिए सुलभ बनाया जाना चाहिए। दुख की बात यह है कि हमारे देश में वंचित लोग स्वयं एवं अपने बच्चों के लिए इस अधिकार का लाभ नहीं सुनिश्चित कर पाते। इसलिए इस सीएसआर गतिविधि के साथ ऑलसुपरमार्ट इन बच्चों के खूबसूरत सपनो को पूर्ण करने की आशा कर रहा है और उन्हें सफलता के पथ पर बिना किसी रुकावट अथवा संघर्ष के अधिकतम स्तर की सफलता अर्जित करने में सहायता कर रहा है।''

इस गतिविधि के माध्यम से ऑलसुपरमार्ट द्वारा अपने दो माह का लाभ समाज की भलाई के लिए दान स्वरुप प्रदान किया जायेगा। उपरोक्त शैक्षणिक आवश्यकताओं के साथ ही एएसएम छात्रवृत्ति (टयूशन फीस, हॉस्टल के खर्च व शिक्षा का कुल खर्च शामिल) के योग्य विद्यार्थियों को उन‍की उच्च शिक्षा के लिए फंड उपलब्ध कराएगा। इस प्रकार उनमें यह विश्वास उत्पन्न करने का प्रयास किया जायेगा कि जीवन में परिश्रम से सब कुछ संभव है।''  

आइएमआइ-दिल्ली द्वारा ‘फूटप्रिंट्स’ का मुंबई में आयोजन

आइएमआइ-दिल्ली द्वारा ‘फूटप्रिंट्स’ का मुंबई में आयोजन

मुंबई, 25 मई 2016: दिल्ली के अग्रणी प्रबंधन स्कूलों में से एक इंटरनैशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (आइएमआइ) - नई दिल्ली के एल्यूमनी चैप्टर्स मीट 'फूटप्रिंट्स' का आयोजन शनिवार 28 मई को मुंबई में विलेपार्ले स्थित आर्किड होटल में किया जा रहा है। फूटप्रिंट्स आइएमआइ-नयी दिल्ली फैकल्टी, मुंबई चैप्टर बॉडी एवं सम्मानित एल्यू्मनी को एल्यू्मनी एंगेजमेंट के अवसरों के विषय में चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह मीटिंग संस्थान एवं इसके सुदृढ़ एल्यूमनी आधार के बीच एक सशक्त संबंध के विकास के लिए विभिन्नं पहलों के सुझाव पर भी फोकस करेगी। यह एसोसिएशन विद्यार्थियों को आइएमआइ एल्यू्मनी द्वारा प्रबंधन के क्षेत्र में सामना की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों एवं उनके संबद्ध उद्यमितापूर्ण यात्रा में आने वाली समस्याओं को समझने एवं उससे सबक हासिल करने में सक्षम बनाएगा।

संस्थान को इस वर्ष 1985 से 2016 तक के बैचेज के 100 से अधिक एल्यूमनी के आने की उम्मीद है एवं संस्थान को कॉर्पोरेट जगत के दिग्गजों के भी इसमें शिरकत करने की उम्मीद है, जिनमें इन्फोसिस बीपीओ लिमिटेड, इन्फोसिस, श्नाइडर इलेक्ट्रिक आइटी बिजनेस, सिंडिकेट बैंक, मदुरा फैशन एंड लाइफस्टाइल, इंडस्ट्री टॉवर लिमिटेड, इत्यादि शामिल हैं।

प्रो. अरविंद चतुर्वेदी, डीन-एकेडमिक प्रोग्राम्स  एंड एल्यूमनी रिलेशंस, आइएमआइ - नई दिल्ली  ने कहा कि, ''एल्यूमनी मीट्स की सहायता से हम अपने औद्योगिक संबंधों के विकास को बढ़ावा देने के संदर्भ में समूचे देश के अपने एल्यूमनी के साथ अपने संबंध को प्रबलित करने का लक्ष्य कर रहे हैं। ऐसे इवेंट्स संबद्ध उद्योगों के विषय में ताजातरीन परिदृश्यो की जानकारी प्राप्त‍ करने, युवा पीढ़ी द्वारा सामना की जाने वाली ऑन-जॉब चुनौतियों के विषय में बेहतर समझ विकसित करने एवं अपने विद्यार्थियों को प्रोत्सानन प्रदान करने के अन्य सामाजिक व सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित जानकारी हासिल करने में भी हमारी सहायता करते हैं।''

महापालिका आयुक्त व विभागीय रेल्वे व्यवस्थापक यांचा संयुक्त नालेसफाई पाहणी दौरा संपन्न

महापालिका आयुक्त व विभागीय रेल्वे व्यवस्थापक यांचा संयुक्त नालेसफाई पाहणी दौरा संपन्न


महापालिका आयुक्त श्रीअजोय मेहता यांनी आज रेल्वेचे विभागीय रेल्वे व्यवस्थापक श्रीअमिताभ ओझा यांच्यासमवेत छत्रपती शिवाजी टर्मिनस ते ठाणे रेल्वे स्थानक यादरम्यान रेल्वेच्या टॉवर वॅगनमधून प्रवास करुन मध्य रेल्वेच्या नालेसफाईच्या कामांची पाहणी केलीसदर पाहणीदरम्यान महापालिका आयुक्तांनी मस्जिद बंदर येथील वालपाखाडी नालासँडहर्स्ट रोड ते भायखळा दरम्यानचे नाले तसेचशीव स्टेशन जवळील मुख्याध्यापक नालाकुर्ला स्टेशन जवळील कारशेड नालाकांजुरमार्ग येथील कर्वेनगर नाला,मुलुंड येथील नाणेपाडी नाला इत्यादी नाल्यांची पाहणी केली.

महापालिका आयुक्त श्रीअजोय मेहता यांनी यांनी रेल्वेच्या हद्दीतील नालेसफाईबाबतची कार्यवाही योग्यप्रकारे सुरु असल्याचे दिसून आल्याचे सांगीतलेया दौ-यादरम्यान महापालिकेचे उप आयुक्त (परिमंडळ ५श्री.भारत मराठेउप आयुक्त (परिमंडळ २श्रीआनंद वागराळकरउप आयुक्त(आयुक्त कार्यालयश्रीरमेश पवार यांच्यासह महापालिकेच्या संबंधित विभागांचे अधिकारी व मध्य रेल्वेचे संबंधित अधिकारी उपस्थित होते.