Friday, 16 September 2016

धार्मिक पर्व मनाने के लिए मंडप के लिए अधिक शुल्क नही - पालिका

धार्मिक पर्व मनाने के लिए मंडप के लिए अधिक शुल्क नही - पालिका

मोहम्मद मुकीम शेख

मुंबई महानगरपालिका ने पर्व उत्सव मनाने के लिए अस्थाई मंडप बनाये जाने के शुल्क में बढ़ोत्तरी किया है. इस परिपत्र के चलते किसी भी धर्म का धार्मिक पर्व मनाने के लिए किसी इव्हेंट आयोजित किये जाने के वसूला जाने वाला है. इसलिए इस परिपत्रक में से धार्मिक पर्व को निकाले , धार्मिक पर्व को इव्हेंट की तरह शुल्क वसूल न करे इस तरह की प्रस्ताव की सूचना समजावादी पार्टी के नगरसेवक अशरफ आझमी ने सभागृह में उठाया है. गौरतलब है कि धार्मिक पर्व में अधिक शुल्क वसूल न किया जाये यह नियम भी पालिका सभागृह में किया जाये यह मांग आझमी ने किया है. दरम्यान इसपर दखल लेकर पालिका आयुक्त अजोय मेहता ने पालिका परिपत्रक में बदलाव किया है जिसमे धार्मिक व सामजिक कार्यक्रम को पहले की तरह ही शुल्क वसूले यह परिपत्रक निकाला है. मुंबई महानगरपालिका में पिछले 25 से 27 वर्षो से शिवसेना और भाजपा की सत्ता है. कुछ दिनों पहले पालिका प्रशासन ने एक परिपत्रक निकाला है. इस पत्र के अनुसार 500 चौरस फुट के मंडप के लिए एक दिन के लिए 11 हजार व सात दिन के लिए 23 हजार रुपये, 1000 चौरस फूट तक के मंडप को एक दिन के लिए 15 हजार 500 व 7 दिनो के लिए 39 हजार 500 रुपये, 1000 चौरस फूट से अधिक मंडप के लिए एक दिन के लिए 27 हजार व 7 दिनो के लिए 51 हजार रुपये वसूल किया जाने वाला है. इतना ही नही शादी समारोह के लिए 1000 चौरस फूट तक के मंडप को 8 हजार 500 व उससे बड़े मंडप को 12 हजार 150 रुपये, सगाई समारोह जैसे कार्यक्रम के लिये 1000 चौरस फूट तक की मंडप का 5 हजार 900 और उससे अधिक मंडप के लिए 8 हजार 100 रुपये शुल्क के नामपर वसूला जाये यह परिपत्रक में कहा गया है . इस तरह के परिपत्रक के कारण मुंबईकर नागरिको को अपना धार्मिक पर्व मनान अधिक खर्चीला होने वाला है . सत्ताधारी शिवसेना की सभागृह नेता तृष्णा विश्वासराव ने हिंदू धर्मियो गणेशोत्सव में बनाये जाने वाले मंडपो को इससे छूट दिया जाये यह मांग किया था. जिसपर आयुक्त ने गणेशोत्सव् मंडपो से यह शुल्क न वसूला जाये यह आदेश दिया था. लेकिन शिवसेना और प्रशासने अन्य धर्म वालो का विचार न करने से सभी धर्मों के सभी धार्मिक पर्व के लिए बनाये जाने वाले मंडपो को इस परिपत्रक से छूट दिया जाये इस तरह की मांग सूट अशरफ आझमी ने किया है. आझमी की मांग पर दखल लेकर आयुक्त ने नए दर की शुल्क वसूलने वाले परिपत्र में बदलाव किया है.

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