Thursday, 26 November 2015

महाराष्ट्र में रेलवे ट्रैक्शन के लिए सस्ती बिजली

महाराष्ट्र में रेलवे ट्रैक्शन के लिए सस्ती बिजली 
संवाददाता / मुंबई

 मुंबई / विद्युत ट्रैक्शन पर माल गाड़ी और यात्री गाड़ी चलाने के लिए भारतीय रेल राज्य विद्युत बोर्ड से विद्युत पावर खरीद  रही है। रेलवे ट्रैकों पर विभि‍न्न् ट्रैक्शन सब स्टेशनों (टी.एस.एस.) पर पावर प्राप्त होती है एवं ट्रैकों के ऊपर उपबंधि‍त ओवरहेड ट्रैक्शन कन्डक्टरों को पहुंचाई जाती है।

हाल के वर्षों में, ट्रैक्शन के लिए विद्युत की अत्यधि‍क दर बढ़ने से रेलवे वित्त पर बहुत बोझ पड़ रहा है। इसलिए रेलवे ने ओपन मार्केट से विद्युत खरीदने के लिए एक्प्लोरिंग व्यवहार्यता प्रारंभ की।

मध्य रेल ने रत्नागिरी गैस एवं पावर लिमिटेड, (आर.जी.पी.पी.एल.) से 300 मेगावाट तक पावर प्राप्त करने के लिए पावर खरीद करार पर हस्ताक्षर किए, जो कि एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी है। एम.एस.ई.बी./एच.सी.एल., एन.टी.पी.सी. एवं गेल द्वारा प्रमोट की गई।

मिनिस्ट्री ऑफ पावर ने भारतीय रेल को डीम्ड डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस स्टेटस दिया है एवं इस निर्णय को सेन्ट्रल इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सी.ई.आर.सी.) ने भी प्रविष्ट‍ि‍ की है, जिससे खुला मार्ग तंत्र (ओपन एसेस मेकेनिज्म) द्वारा रेलवे से विद्युत प्राप्त करने के लिए मार्ग बनाया।

महाराष्ट्र में 47 ट्रैक्शन सब स्टेशनों के लिए मध्य रेलवे द्वारा तद्नुसार आर.जी.पी.पी.एल. (पी.पी.ए.) के साथ पावर खरीद करार पर हस्ताक्षर किए गए।

खुले मार्ग के लिए अपेक्षि‍त सभी औपचारिकताएं जैसे कनेक्टविटी, प्रमाण-पत्र, अनापत्त‍ि प्रमाण-पत्र, एम.एस.ई.टी.सी.एल. एवं स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर से अपेक्षि‍त शुल्क जमा करना इत्यादि को पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में एस.टी.यू. नेटवर्क जिसके द्वारा ये टी.एस.एस. जुड़े हुए हैं, आर.जी.पी.पी.एल से प्राप्त करते हुए पावर आपूर्ति को पहुंचाना जारी रखेंगे।


स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर एवं आर.जी.पी.पी.एल. पावर प्लांट से विचार-विमर्श करके पावर के आन-लाइन शिड्युल को मानीटर करने के लिए मध्य रेल के मुंबई कार्यालय पर विशि‍ष्ट सेल बनाया गया है। आर.जी.पी.पी.एल. से पावर आपूर्ति 26.11.2015 से प्रभावी है। ऊर्जा बचत लागत संभवत: रू. 2.50 से 3.50 प्रति यूनिट की रेंज में होगी। जिसके परिणाम स्वरूप भारतीय रेल पर महाराष्ट्र में स्थित 47 कर्षण सब स्टेशन (36 – मध्य रेल, 6 पश्चिम रेल, 4 दक्षिण पूर्व मध्य रेल एवं एक दक्षिण मध्य रेल)से रू. 500-700 करोड़ प्रति वर्ष की बचत होगी।

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