मरीन ड्राइव पर लगाए गए एल ई डी बल्ब के को हेरिटेज कमिटी ने दी मंजूरी
संवाददाता / मुंबई
मुंबई/ मरीन ड्राइव जो रानी के हार से जाना जाता और इसी नाम से बेहद मशहुर है यहा पर पीले रंग के एल ई डी बल्ब लगे रहने
की मंजुरी हेरीटेज कमेटी ने दे दी है ।
गौरतलब है कि मरीन ड्राइव पर सफ़ेद कलर के एल ई डी बल्ब लगाए जाने के विषय को लेकर भारी विवाद हुआ था। सत्ताधारी दल शिवसेना और सहयोगी दल भाजपा में भी जोरदार विवाद हुआ था। शिवसेना ने सफ़ेद एल ई डी लगाए जाने का विरोध किया था। आखिरकार एल ई डी बल्ब लगाने वाली कंपनी ने पीले रंग का एल ई डी बल्ब लगाने का निर्णय लिया।
बता दे की बिजली बचाने और पैसो की बचत किए जाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे मुंबई शहर में सड़को पर बिजली खम्भो पर एल ई डी बल्ब लगाने का निर्णय लिया था। भाजपा ने मनपा में जानकारी दी थी की एल ई डी बल्ब लगाए जाने से मुंबई महानगर पालिका का सालाना करोड़ रुपये की बचेगा और जो कम्पनी एल ई डी बल्ब लगा रही है ही पूरे खर्च करेगी मनपा को होने वाली सालाना बचत से कम्पनी अपना खर्च वसूल करेगी। सात साल में कम्पनी अपना खर्च वसूलेगी। मरीन ड्राइव पर प्रायोगिक तौर पर एल ई डी बल्ब लगाने की शुरुआत किए जाने पर विरोध होना शुरू होगया। मनपा की सत्ता धारी शिवसेना ने आरोप लगाया था की मरीन ड्राइव की पहचान खत्म की जा रही है। आरोप यह भी लगया गया था मरीन ड्राइव परिसर हेरीटेज होने के बावजूद एल ई डी बल्ब लगाने के पहले हेरीटेज कमेटी से अनुमति नही ली गयी । मामला कोर्ट जाने पर कोर्ट ने भी पहले की तरह ही पीले बल्ब लगाए जाने का आदेश दिया था। शिवसेना का आरोप था की पीले बल्ब से रोशनी कम आती है। उसके बावजूद हेरिटेज कमेटी ने मरीन ड्राइव पर लगे पीले बल्ब से रोशनी को सही ठहराते हुए मंजूरी दे दी है ।
संवाददाता / मुंबई
मुंबई/ मरीन ड्राइव जो रानी के हार से जाना जाता और इसी नाम से बेहद मशहुर है यहा पर पीले रंग के एल ई डी बल्ब लगे रहने
की मंजुरी हेरीटेज कमेटी ने दे दी है ।
गौरतलब है कि मरीन ड्राइव पर सफ़ेद कलर के एल ई डी बल्ब लगाए जाने के विषय को लेकर भारी विवाद हुआ था। सत्ताधारी दल शिवसेना और सहयोगी दल भाजपा में भी जोरदार विवाद हुआ था। शिवसेना ने सफ़ेद एल ई डी लगाए जाने का विरोध किया था। आखिरकार एल ई डी बल्ब लगाने वाली कंपनी ने पीले रंग का एल ई डी बल्ब लगाने का निर्णय लिया।
बता दे की बिजली बचाने और पैसो की बचत किए जाने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे मुंबई शहर में सड़को पर बिजली खम्भो पर एल ई डी बल्ब लगाने का निर्णय लिया था। भाजपा ने मनपा में जानकारी दी थी की एल ई डी बल्ब लगाए जाने से मुंबई महानगर पालिका का सालाना करोड़ रुपये की बचेगा और जो कम्पनी एल ई डी बल्ब लगा रही है ही पूरे खर्च करेगी मनपा को होने वाली सालाना बचत से कम्पनी अपना खर्च वसूल करेगी। सात साल में कम्पनी अपना खर्च वसूलेगी। मरीन ड्राइव पर प्रायोगिक तौर पर एल ई डी बल्ब लगाने की शुरुआत किए जाने पर विरोध होना शुरू होगया। मनपा की सत्ता धारी शिवसेना ने आरोप लगाया था की मरीन ड्राइव की पहचान खत्म की जा रही है। आरोप यह भी लगया गया था मरीन ड्राइव परिसर हेरीटेज होने के बावजूद एल ई डी बल्ब लगाने के पहले हेरीटेज कमेटी से अनुमति नही ली गयी । मामला कोर्ट जाने पर कोर्ट ने भी पहले की तरह ही पीले बल्ब लगाए जाने का आदेश दिया था। शिवसेना का आरोप था की पीले बल्ब से रोशनी कम आती है। उसके बावजूद हेरिटेज कमेटी ने मरीन ड्राइव पर लगे पीले बल्ब से रोशनी को सही ठहराते हुए मंजूरी दे दी है ।
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