Wednesday, 6 January 2016

वृक्ष तोड़ने की मंजूरी को लेकर आयुक्त के अधिकार बढ़ाने से शिवसेना नाराज

वृक्ष तोड़ने की मंजूरी को लेकर आयुक्त के अधिकार बढ़ाने से शिवसेना नाराज 
संवाददाता 
मुंबई । मुंबई में विकास कार्य करने के दौरान कई वृक्ष बाधित होते है । काम में अड़चन निर्माण करने वाले पेड़ों की संख्या 9 से अधिक होने पर उन्हें तोड़ने के लिए वृक्ष अधिकार की मंजूरी लिया जाना आवश्यक है । इसकी संख्या में बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव तैयार किये जाने के बावजूद बिना समिति की मंजूरी के आयुक्त द्वारा मनमानी कर इस संख्या को बढाकर 25 कर दी गयी है । जिससे समिति का अधिकार कम करने के साथ ही नगरसेवकों के अधिकारों को छीने जाने का आरोप मनपा सभागृह नेता तृष्णा विश्वासराव ने स्थायी समिति की बैठक में हरकती के मुद्दे द्वारा किया । 
         गौरतलब है कि मुंबई में निर्माणकार्य सम्बन्ध में मनपा के इमारत प्रस्ताव विभाग से मंजूरी के लगभग 150 प्रकार की मंजूरी लेनी पड़ती थी । जिसमे बहुत ज्यादा समय बर्बाद होता था । इन मंजूरी की संख्या को काम कर 58 कर दिया गया है । ईमारत निर्माणकार्य के लाइसेंस 60 दिनों में देने का निर्णय लिया गया है । साथ ही आयुक्त द्वारा 9 वृक्ष तोड़ने तक की मंजूरी दी जा सकती है । जिसमे बढ़ोत्तरी कर आयुक्त द्वारा 25 वृक्ष किया गया है । इस सन्दर्भ में तैयार की गयी पुस्तक का हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा प्रकाशन किया गया है । जबकि वृक्ष की संख्या बढ़ाने के सन्दर्भ का प्रस्ताव 7 जनवरी को वृक्ष प्राधिकरण समिति की बैठक में पेश किया जाना है । बावजूद इसके पहले ही पुस्तक में वृक्ष तोड़ने की संख्या 25 होने का आयुक्त द्वारा उल्लेख किया गया है । जिसका विरोध करते हुए नगरसेवकों के अधिकार को काम करने का आरोप मनपा सभागृह नेता तृष्णा विश्वासराव ने स्थायी समिति की बैठक में हरकती के मुद्दे द्वारा किया । साथ ही आयुक्त द्वारा मनमानी करने की बात कही । जिसपर मनसे गटनेता संदीप देशपांडे ने सत्ताधारी शिवसेना के पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथों इस पुस्तक का प्रकाशन न किये जाने का दुःख होने पर यह हरकती का मुद्दा लाये जाने का आरोप लगाया । सत्ता में होने के बाद भी शिवसेना को हरकती का मुद्दा लेना पड़ रहा है यह शिवसेना की असफलता है । । शिवसेना के नेता आयुक्त से उनका प्रस्ताव मंजूर करने के बाद सेटिंग कर अपनी मांगे मान्य कराते है । ऐसा आरोप देशपांडे ने लगाया । स्थायी समिति अध्यक्ष यशोधर फणसे द्वारा देशपांडे को रोके जाने से स्थायी समिति की बैठक का विरोध कर सभा का त्याग किया । समाजवादी गटनेता रईस शेख ने इस तरह नियम को बदलने के सन्दर्भ में गटनेताओं को मसौदा दिया जाता था । । तो अब इस तरह हरकती का मुद्दा लेना योग्य है क्या? भारत के व्यावसायिक दृष्टि से विश्व में १५४ क्रमांक है । इमारत निर्माणकार्य को जल्दी मंजूरी देने से मुंबई का जल्द विकास हो सकता है तो ऐसे में शिवसेना अनदेखी क्यों कर रही है । ऐसा प्रश्न शेख ने किया । भाजपा गटनेता मनोज कोटक व नगरसेवक विनोद शेलार ने भी चर्चा कर शिवसेना के मुद्दे का समर्थन नहीं किया । जिससे शिवसेना अकेली पड़ गयी । शिवसेना के अकेले पड़ने के बावजूद स्थायी समिती अध्यक्ष यशोधर फणसे ने इस सम्बन्ध में प्रशासन को जानकरी देने का आदेश देते हुए मुद्दे को रोके जाने का स्पष्ट किया ।

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